स्वागतम!
वाणी ‘भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई’ के कुछ छात्रों द्वारा हिंदी के प्रचार प्रसार हेतु बनायी गयी एवम अपनायी गयी विचारधारा है. हम संस्थान में हिन्दी लेखन एवम वाचन को प्रोत्साहित करने के लिये प्रतिबद्ध हैं. और विश्वजाल का यह कोना हमारी समस्त गतिवधियों का दस्तावेज है.
हमारे इस प्रयास में यदि आप योगदान करना चाहें तो हमें सूचित करें.
आपका दिन शुभ हो…!
आपलोगों का प्रयास सराहनीय है . हम आपको पुरा सहयोग देंगें .
यहां पर मैंने आप लोगों के ब्लाग के बारे में कुद लिखा है
http://subeerin.blogspot.com/2007/10/blog-post_05.html
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रों को साहित्य और भाषा में रचि लेते हुए देखकर अपार हर्ष हो रहा है। आप सभी का यह काम अत्यन्त प्रशंशा का अधिकारी है। सभी रचनायें भी बहुत स्तरीय लगीं।
आशा है कि यह ज्योति न केवल सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानो को प्रकाशित करेगी, वरन सभी उत्कृष्ट शिक्षा-संस्थान इससे प्रेरणा प्राप्त करेंगे।
इसके साथ ही आग्रह करूंगा कि कविता के साथ-साथ कुछ विज्ञान , प्रौद्योगिकी एवं गणित विषयक लेख भी लिखे जाँय। इसके अतिरिक्त हिन्दी-कम्प्यूटिंग को आगे बढ़ाने वाले कुछ साफ़्टवेयरों की रचना की आप लोगों से अपेक्षा भी करते हैं।
बहुत-बहुत साधुवाद एवं शुभकामनायें!!
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रों को साहित्य और भाषा में रचि लेते हुए देखकर अपार हर्ष हो रहा है। आप सभी का यह काम अत्यन्त प्रशंशा का अधिकारी है। सभी रचनायें भी बहुत स्तरीय लगीं।
आशा है कि यह ज्योति न केवल सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानो को प्रकाशित करेगी, वरन सभी उत्कृष्ट शिक्षा-संस्थान इससे प्रेरणा प्राप्त करेंगे।
इसके साथ ही आग्रह करूंगा कि कविता के साथ-साथ कुछ विज्ञान , प्रौद्योगिकी एवं गणित विषयक लेख भी लिखे जाँय। इसके अतिरिक्त हिन्दी-कम्प्यूटिंग को आगे बढ़ाने वाले कुछ साफ़्टवेयरों की रचना की आप लोगों से अपेक्षा भी करते हैं।
बहुत-बहुत साधुवाद एवं शुभकामनायें!!
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ इस नए प्रयास हेतु। अनुनाद जी की तरह मेरा भी अनुरोध है कि हिन्दी कम्प्यूटिंग संबंधी परियोजनाओं में आप लोग सहयोग दें।
बहुत अच्छा काम कर रहे है आप लोग. विज्ञान और साहित्य को आपस मे जोडने का स्तुत्य प्रयास कर रहे है. आपका प्रयास सफल हो और हम् किसी काम आ सके तो अत्यंत खुशी होगी.
हिन्दी के व्यापक विस्तार के लिये इस तरह के साथक काम की आवश्यकता है
hindi ke prachar – prasar ke prati apki pratibadhata dekh kar apar harsh ho rahah hai. yeh hindi ke prati ki lokpriyata ke prati sandeh rakhne walo ke liye ak udahran hai. aapke prayas par DUSHYANT ji ka ak ser kahna chahunga:
kaun kahta hai ki asma me surakh nahi ho sakta
ak patthar to tabeeyat se uchhalo yaro
आपलोगों का प्रयास सराहनीय है . हम आपको पुरा सहयोग देंगें
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ इस नए प्रयास हेतु। अनुनाद जी की तरह मेरा भी अनुरोध है कि हिन्दी कम्प्यूटिंग संबंधी परियोजनाओं में आप लोग सहयोग दें।
Samast vidyarthiyon ko meri shubhkamnaye aapki rachnao main sargarbhita hai uttkrisht hai
mai aap ko ak apni kabita bhej rha hu jise mene tab liki hia jab ksunami aaya tha.
ksunami
itna na jambhir bno ki koi lahar na uthe.
itn na uchhlo ki kahar ban jao.
ay smunder apni mryada ko na langh.
aadunik yug ka manav bnane laga bad.
sadh skta hai to kudh ko shad .
kare ho jayeje yha madad ko kroro hath.
ham isme sahayog denge.
Hamaree shubhkaamnayen aapke saath hain.
iitians are really try to become smart in every field.good………
CHAHAT KO ANKHO ME SAPNO KI BHATI SANJO KAR RAKHE DURIYO KI FASLA YO HI MITJAYGI