Feeds:
पोस्ट
टिप्पणियाँ

Archive for the ‘प्रतियोगिता’ Category

नमस्कार !!
मैं नवीन आप सबका धोनी के स्वयंवर में स्वागत करता हूँ !!

जग के सारे बालों में
रही निराली शान है ;
वह भारत का कप्तान है,
हमारा धोनी महान है

इसके छक्के सबसे न्यारे
ये तो क्रिकेट की जान है ;
गांगुली के खून का प्यासा
पर युवराज का प्राण है
वह भारत का कप्तान है,
हमारा धोनी महान है ।।

यह तो हुआ धोनी का साधारण परिचय, अब क्या आप जानते हैं कि उन्हें लड़की कैसी चाहिएउन्होंने ख़ुद कहा ,

दिल के करीब रखूंगा मैं
मुझे चाहिए एक ऐसी हूर,
सबकुछ जिसपे लुटा दूँ अपना
मुझे चाहिए एक ऎसी नूर

और उसका निजी सहायक होने के नाते दूँ कि वह बहुत ही Romantic हैं :p
भाई ग़लत मत समझिये, उनकी बातों से ऐसा लगता है !
और अब सभी लड़कियों को बता देता हूँ कि उनसे शादी करने के इतने फायदे हैं :-

रहने को अच्छा बंगला
घूमने को AC गाड़ी
ऎसी फैसिलिटी बोलो…..और कहाँ मिलेगी?

ऊंचालंबा कद इनका
छाए हैं मोडेलिंग में भी
ऐसी सेक्सी सूरत बोलो….और कहाँ मिलेगी?

स्पोर्ट्स बाइक पर घुमायेगा
फाइवस्टार में डिनर देगा
ऐसी अमीर पार्टी बोलो…..और कहाँ मिलेगी?

पैसों से नहाओगी
जो चाहोगी पाओगी
ऐसी मस्त जिन्दगी बोलो…..और कहाँ मिलेगी?

तो सभी युवतियों से अनुरोध है कि वो स्वयंवर के लिए जल्द से जल्द नामांकन करवायें, ” बकरा हलाल होना चाहता है, बस कसाई की जरूरत है । ”

नवीन जांगीर
प्रथम वर्ष

PS: ये लेख Freshi रचनात्मक लेखन में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है, नवीन को मेरी तरफ़ से ढेरसारीशुभकामनाएं , आगे भी वाणी और IIT के लिए ढेर सारी रचना करेंगे ऐसी आशा और विश्वास है


Read Full Post »

संत जेवियर मुंबई के सालाना जलसे मल्हार की हिंदी प्रतियोगिता में आई.आई.टी. की टीम प्रथम आयी. याद के तौर पर मैं उसे वाणी पर डाल रहा हूँ. आप पढ़कर ये भी अनुमान लगा सकते हैं कि छात्रों के बीच की प्रतियोगिता का स्तर क्या होता है .

विषय: आगरा, ताजमहल बनाते कर्मचारियों के बीच का वार्तालाप
समय : दो घंटे

यमुना की उन्मत्त लहरें, तट से जा टकराती है
गाती है कल-कल ध्वनि में,चलती है बल खाती है;
नीचे लहरों का खेल अमर,ऊपर चाँद की चमक प्रखर
एक पुरुष पुलकित मन में ,घूम रहा है उस तट पर ;

पुरुष: पूनम की रातों का जगमग नजारा
चकोरी का चंदा को होगा इशारा
कि रोशन तू अबसे अकेला ना होगा
जमीं पर भी चंदा बनाया गया है .
दूसरा पुरुष: (उसकी एकाग्रता भंग करते हुए )
वाह रे! तेरे स्वप्न निराले, अनगिन-अनगिन रंगों वाले
काश कभी ऐसा हो पाए , चंदा कहीं धरा आ जाए .
हैं मजदूर, हाथ फावडा, काम है अपना महल बनाना
सपने मुगलों को दे दो तुम, उनका काम है स्वप्न सजाना.

पहला मजदूर :
क्यूँ ना मैं ये सपने देखूं ,मेरी मेहनत, मेरा पसीना
जब-जब तोडूं संगमरमर ये, चौडा होता मेरा सीना.
दूसरा मजदूर :
पेट कहाँ भरता सपनों से, सपने नहीं खिलाते रोटी
यहाँ जलानी होती भट्टी, भूख है मिटती तब बच्चों की;
प्रेम की बात कहाँ करते हो,प्रेम कहाँ टिकता भूखों में
रात-दिन हम करते श्रम हैं, तब घर में चूल्हे जलते हैं ..
पहला मजदूर :(सोचते हुए )
सही कहा है तुमने भाई, देखी हमने खूब खुदाई
सपने शोभे राजमहल को, हमने तो बस कुटिया पाई.
दूसरा मजदूर: (उसका समर्थन करते हुए )
राजमहल में है संगमरमर और अपने मिट्टी के घर ..
पहला मजदूर:(भावुक होते हुए )
प्रेम यहाँ हीरों तुलता है ,प्रेम का भी यहाँ मोल है
मैं ताज नहीं बनवा सकता पर प्रेम मेरा अनमोल है ;
ताज बिखर जायेगा एक दिन ,प्रेम नहीं रह जायेगा
मुझ गरीब का प्रेम अमर है, कभी ना तोला जायेगा.
दूसरा मजदूर :(भावुक हो जाता है )
ताज अगर गिर जाए एक दिन , यादें सब मिट जायेंगी
अमिट छाप मेरे हाथों की , पत्थर पर रह जायेगी ;
हाथ ही मेरा जगन्नाथ है, करता है जग का निर्माण
मेरे हाथों की शक्ति का ,ये ताजमहल होगा प्रमाण ..

नेपथ्य से :
” सोचा था किसने इन करों को शासक यूँ कटवा देगा ,
ताजमहल की सुन्दरता में, शामिल है कई चीखें भी “

Read Full Post »

कल हमने एक रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता रखी थी, जिसमें एक अनपढ़ नेता रामप्रसाद जी को परमाणु करार के बारे में बताना था और उनसे विश्वास मत हासिल करना था ,प्रथम वर्ष के छात्र ध्रुव सोनी का लेख कुछ इस तरह का है . परमाणु संधि का मतलब ये है कि…

सोनिया गांधी ,अपनी पूरी नेता मंडली के साथ रामप्रसादजी के गाँव रामपुर पहुँच गयी . लेकिन ये क्या नेताजी तो अबतक कृषक बने हुए हैं . सोनिया ने पूरी स्थिति को समझते हुए परमाणु मुद्दे को नया ही रूप दे दिया .
सोनिया जी ने अपना प्रपत्र रामप्रसादजी को दिया और कहा कि अपनी पी.ऐ. से कहो इसे आपको समझा दे .
रामप्रसादजी : अरे लाजो ! ओ मारी भागवान !जरा भन्जे तो आ, मेम्जी कोई पत्र लिखी है म्हारे वास्ते .
श्रीमतीजी गुस्से से आग बबूला हो पढने लगी – “सीरी मन रामप्रशाद जी तुम इश देस का हालत देख के अब परमाणु संधि स्वीकोर कोर लो .”
रामप्रसादजी – ओय ये मेम्जी की हिन्दी म्हारे समझ नही आवे .
अब सोनियाजी ने राजनीति दाँव खेलते हुए एक हिन्दू कंग्रेशी नेता को कहा कि वे रामप्रसादजी को तैयार करेंगे तो उन्हें मंत्री बना देंगे. लालच देखकर हिन्दू नेता तैयार हो गया और शुरू हो गया . -” अरे रामप्रसादजी , आपको मालूम है आपका यह खेत सोने उगलने वाला है और यह छप्पर जिससे बारिश में पानी टपकता है, अब इससे हीरे-मोती बरसेंगे .”
रामप्रसादजी : “अरे तुने भांग खा ली क्या ?”
नेता :”ये सबकुछ हो जायेगा, अगर आपने परमाणु संधि पर अपना मत दे दिया .”
रामप्रसादजी : अरे ये परमाणु संधि की है ?
नेता-” परमाणु संधि का मतलब है – आम के आम, गुठलियों के दाम .”
‘परमाणु संधि में तुम्हारे गाँव के किसानों को मुफ्त में बीज, खाद, ट्रेक्टर भी बांटे जायेंगे और ये सब अमरीका से आयेंगे . अरे तुम्हारा मुन्ना अब विदेशी अनाज खाने वाला है , रामप्रसादजी बस एक बार हाँ कर दो .
परमाणु संधि के बाद तुम्हारे घर का सारा काम लाजो को नही करना पड़ेगा . काम तो नौकर करेंगे !और तुम लाजोजी के साथ अमरीका में शादी की दसवीं वर्षगाँठ मनाना .
परमाणु संधि के बाद तेरे बच्चे को अंगरेजी स्कूल में पढाया जायेगा .परमाणु संधि का मतलब है ,हर गाँव में अंगरेजी स्कूल और वो भी संस्कृत के साथ . गाँव के बड़े बूढों को भजन और गीता-पाठ पढाया जायेगा.’
‘और अगर तुमने संधि पर हाँ कर दी तो तेरी तो पाँचों उंगलियाँ घी में .’
रामप्रसादजी – वो कैसे?
नेताजी – ‘अरे भाई ,तुझे तो पता है कि तेरी पिछली पत्नी गुणवती की बेटी २५ साल की हो गयी है और अबतक कुंवारी है. तुझे अभी सबसे ज्यादा चिंता उसी की है न . तो सुन सोनिया जी का बेटा राहुल अब ३८ बर्ष का हो गया है और अबतक कुंवारा है . परमाणु संधि का मतलब है कि सोनियाजी अपने बेटे की शादी तेरी बेटी से कर देगी . दहेज़ भी नही लेगी . बस हाँ कर दे.’
-और ये सुनते ही रामप्रसादजी फूले नही समाये ,और तुंरत अपनी सहमति दे दी .

Read Full Post »