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Archive for the ‘हिमांशु जैन’ Category

जीवन के गीत लिखो !

जितनी भी पीड़ा हो, तुम हँसते मीत दिखो

संकल्पी आँखों में, सूरज के सपने ले

अँधेरी रातों में एक दिया बार दो

पलकों पर जो ठहरे, आंसू उनको भी तुम

मोती सी कीमत तो, अंतस सा प्यार दो

और नयी रीत लिखो, जीवन के गीत लिखो !

जीवन की गागर से छलक-छलक जो जाए

उस पानी की कीमत, आंकना बेमानी है

और जो समा जाए, गागर में सागर सा

मीत वही पानी तो, जीवन का पानी है

आज नयी प्रीत लिखो, जीवन के गीत लिखो !

मुक्त गगन में उड़कर, धरती पर जो आया

पंछी से पूछो तो घोंसला ही क्यूँ भाया

छेद ह्रदय में गहरे, कितने भी हो लेकिन

बांसुरी से पूछो तो मन उसका क्यूँ गाया ?

दर्द सहो और हंसो, जीवन के गीत लिखो !

हिमांशु जैन

एम. टेक.(प्रथम वर्ष )

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